किसानों की वापसी

वर्ष 2020 के कुछ महीने शायद ही कोई कभी भूल पायेगा लेकिन ऐसा क्या खास है इन महीनों में अगर किसी से कहो तो आप को एक अजीब तरह से देखेगा,बात तो सही है क्या विश्व का कोई भी इन्शान इस सदी  को कभी भूल सकेगा शायद कभी नहीं| मानव जाती का इससे बड़ा नुकशान कभी नहीं हुआ होगा जो अभी हुआ है| आज के समय के हिसाब से देखा जाये तो कितने लोगों की जान जा  चुकी है और अभी आगे कितने लोग मरेंगे इसका अंदाज़ा  लगाना बहुत कठिन है| इस बीमारी से जो नुकसान पूरे विश्व को हो रहा है,वो तो हो ही रहा है इसके साथ- साथ हमारे हिंदुस्तान में जो इसका प्रभाव पड़ रहा है वो किसी को बताने की आवश्यकता नहीं है| इसके परिणाम में जो हमारे देश को मिलने वाला  है उसके बारे में सोचना होगा| दरअसल इस वायरस के आने के पहले जो हमारे देश की समस्या थी  उसे देखते हुए  इस वायरस से बहुत  सारे फायेदे मुझे नज़र आ रहे हैं, जिस प्रकार लोग इस बात से परेशान थे की हमारे गाँव-देहात के वे लोग जो खेतों में काम करते थे| वे लोग शहर की ओर भाग रहे थे और शहर में जाकर काम की तलाश करते थे,और किसी तरह अपना गुज़ारा करते थे| लेकिन अब क्या हुआ की वे सारे लोग गाँव की ओर वापस आ रहे हैं तो इससे जो गावों में  किशानों की कमी हो रही थी उसमें  लगभग ५०% की कमी आयेगी और ये हमारे देश के लिए बहुत अच्छी बात है| लेकिन यदि सरकार ने उन्हें सुविधाएँ नहीं प्रदान करी तो ये फिर पलायन कर जायेंगे, इसे सरकार को रोकना होगा| इससे बड़े शहरों को भी काफी लाभ मिलने वाला है, जो समस्या  महाराष्ट्र में देखने को मिलती थी की वहां  के लोकल लोगों का रोज़गार छिनता जा रहा था  जिससे स्थानीय लोगों में  काफी रोष व्याप्त हो गया था| जिस वक़्त राज ठाकरे ने उत्तर प्रदेश और बिहार के लोगों पर लाठी डंडों से हमला करवाया था तो उसका भी येही कारण था| उस वक़्त पूरे देश में राज ठाकरे का बहुत विरोध हुआ था| तो ये कहना की अब जीना मुश्किल है, पर हम मानव को भगवान ने बहुत सहन शक्ति प्रदान की है| समय के साथ-साथ लोगों को जीने का सलीका भी आ जायेगा|   


 I